अन्दर कोई हैं

गाड़ियों में जाने-अनजाने आदमी भागते जा रहे हैं…. मैं भी भाग रहा हूँ, तेज बहुत तेज… अन्दर कोई हैं जो कह रहा हैं- भाग ले कितना भी तेज मंजिल नहीं … Read more

प्रभु तुम बरस रहे हो…

प्रभु तुम बरस रहे हो… हर पल हर क्षण… पर जाने क्यों मेरा ह्रदय आँगन सुखा ही रह जाता हैं.., आस-पास जहाँ भी ह्रदय से देखता हूँ… प्रभु तुम ही … Read more

प्रेम का दीप

अँधेरे को जो चीर रहा हैं…..        प्रिय ये तुम्हारे प्रेम का ही दीप हैं….. उस पल जब डर से घिर, मेरा ह्रदय कपने लगता हैं….     … Read more

व्यापार

हर रोज सुबह उठ कर मैं ठेली लगाता हूँ…. व्यापार करता हूं सपनों में जीने वालो को जगाता हूँ ॥ झकझोडता हूँ !! जमीन में गहरी जडों को खोदता हूँ … Read more

माँ

माँ को देखता हूँशरीर झुक गया हैंवो पीठ जो मुझे उठा कर पूरे घर की सैर कराती थीआज अपने ही वजन से चार कदम में थक जाती हैंमाँ को देखता … Read more

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