व्यापार

हर रोज सुबह उठ कर मैं ठेली लगाता हूँ…. व्यापार करता हूं सपनों में जीने वालो को जगाता हूँ ॥ झकझोडता हूँ !! जमीन में गहरी जडों को खोदता हूँ … Read more

माँ

माँ को देखता हूँशरीर झुक गया हैंवो पीठ जो मुझे उठा कर पूरे घर की सैर कराती थीआज अपने ही वजन से चार कदम में थक जाती हैंमाँ को देखता … Read more

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